LIFE INTRODUCTION DR. APJ ABDUL KALAM IN HINDI
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सर का जन्म १५ अक्टूबर १९३१ को तमिलनाडु के रामेशवरम में एक मिडिल क्लास मुस्लिम अंसार परिवार में हुआ था. इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन था। एपीजे अब्दुल कलाम पांच भाई और पांच बेहेन थे। और सब साथ मिलकर रहते थे। अब्दुल कलाम के जीवन पर इनके पिता का बहुत प्रभाव रहा। पांच वर्ष की अवस्था में रमेशराम की पंचायत की प्राथमिक विद्यालय में उनका दीक्षा संस्कार हुआ था।
अब्दुल कलाम अपनी शरुआती शिक्षा स्टार्ट रखने के लिए अख़बार बेचने का काम भी किया था। उनकी जयंती को ' राष्ट्रीय नवाचार दिवस ' के रूप में मनाया जाता हैं
उन्होंने वर्ष १९५४ में सेंट जोसेफ कॉलेज (त्रिची) से विज्ञानं विषय में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1957 में मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (MIT ) से वैमानिकी इंजीनियरिंग में विषेशता हासिल की। वह देश और विदेश के 48 विश्वविद्यालयो एव संस्थानों से मानद डॉक्टरेट प्राप्त करने वाले भारत के सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिको में से एक थे। उन्हें वर्ष 2002 में भारत के 11 वे राष्ट्रपति के रूप में चुना गया और वर्ष 2007 में उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया. उन्होंने कई सफल मिसाइलो निर्माण के कार्यक्रमों की योजना बनाई। जिसकी वजह से उन्हें (missle man ) के नाम से भी जाना जाता हैं।
DR . एपीजे अब्दुल कलम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम हैं अब्दुल कलाम ‘फाइबरग्लास’ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी थे. और उन्होंने इसरो में इसे डिज़ाइन करने और इसके विकास कार्य को शुरू करने हेतु एक युवा टीम का नितृत्व किया था। जिससे ‘कंपोज़िट रॉकेट मोटर’ का उत्पादन संभव हो पाया उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी ‘सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल’ (SLV ) को विकसित करने हेतु परियोजना निदेशक के रूप में महत्तपूर्ण योगदान दिया।
इन्होंने मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक और विज्ञान के व्यवस्थापक के रूप में चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) संभाला व भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे। इन्हें बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यों के लिए भारत में 'मिसाइल मैन' के रूप में जाना जाता है।
इन्होंने 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरान-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई।
कलाम सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी व विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के समर्थन के साथ 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए। पांच वर्ष की अवधि की सेवा के बाद, वह शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आए। इन्होंने भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किये।


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